Monday, January 6, 2025

सतसईया के दोहरे अरु नावक के तीर

सतसईया के दोहरे अरु नावक के तीर
देखन में छोटन लगें, घाव करें गंभीर।


यह दोहा सबको याद होगा. आजकल चुनावों में इसी तरह छोटे-छोटे मगर गंभीर असर दिखाने वाले बयानों का जमाना आ गया है. हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान तीन शब्दों के एक मारक वाक्य ने देश की राजनीतिक दिशा बदल कर रख दी. "बंटेगें तो कटेगें" वाला एक ही नारा चुनाव परिणामों को अप्रत्याशित रुप से प्रभावित कर गया. इसी वाक्य का परिमार्जित रूप "एक हैं तो सेफ हैं" भी प्रभावशाली रहा पर जनमानस पर उसकी पकड़ "बंटेगें तो कटेगें" वाले नारे का मुकाबला नहीं कर पाया.

अब दिल्ली के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में एक शब्द का प्रयोग कर के आआपा वालों के लिये मुश्किल पैदा कर दी है. इन लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एएपी का हिन्दी रुप "आप" चला कर वे ऐसा कर देगें कि लोग आप शब्द का प्रयोग करना तक भूल जाएंगे. जैसे आजकल किसी को आप पप्पू कह दें तो वह आपको बहुआयामी गालियों से आह्लादित कर देगा. एक जमाने में लोग अपने बच्चों को मुन्ना, पप्पू वगैरह बुलाया करते थे. पर आज शायद ही कोई बाप या माँ अपने बच्चे को पप्पू कह कर बुलाते होंगे. सर्वनाम जब संज्ञा बन जाये तो ऐसा ही होता है. महात्मा और पंडित कहलाने वाले लोगों ने इन आदरणीय शब्दों की छवि खराब कर दी है पर फिर भी महात्मा और पंडित आम प्रयोग में मिल जाते हैं. मगर पप्पू अभी कुछ सालों तक वर्जित शब्दों की श्रेणी में ही बना रहेगा.

पीएम मोदी ने आआपा वालों को दिल्ली के लिए 'आप'दा विशेषण से सुशोभित कर के बहुत ही मारक प्रभाव पैदा कर दिया है. और इस घातक प्रहार की काट आआपा वाले अब तक नहीं निकाल पाये हैं. हालांकि पता नहीं यह शब्द सहज भाव से मोदी जी के भाषण में आ गया या इसे किसी अदृश्य लेखक ने लिखा. साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान इसी तरह पीएम  मोदी ने सपा के "कारनामा" का जिक्र कर के मारक प्रभाव पैदा कर दिया था कि सपा वालों का काम नहीं बोलता, इनका "कारनामा" सब कुछ बयान कर देता है. इन्दिरा जी के जमाने में "ये कहते हैं इन्दिरा हटाओ, मैं कहती हूं गरीबी हटाओ' के नारे ने ऐसा ही प्रभाव पैदा किया था. आल इन्दिरा रेडियो भी ऐसा प्रभाव पैदा नहीं कर पाया था न ही "इन्दिरा इज इण्डिया एण्ड इण्डिया इज इन्दिरा" वाला बयान तो कांग्रेस की आलोचना करने के काम आ गया था.

आशा करता हूं कि बाकी राजनीतिक दल भी  इसी तरह के चुटीले तीरों का प्रयोग कर हमारा मनोरंजन भी करेंगे और अपनी लक्ष्यप्राप्ति का प्रयास भी.